CAA (Citizen Amendment Act)


A piece of a money bill showing an important person
पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दू और सिख हर नजरिए से भारत आ सकते हैं , अगर वो वहाँ नहीं रहना चाहते । तब उन्हें नौकरी देना , उनके जीवन को सामान्य बनाना भारत सरकार का पहला कर्तव्य है । "
- महात्मा गाँधी , 26 सितंबर 1947

क्या है नागरिकता संशोधन अधिनियम ?

पाकिस्तान , बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धर्म के नाम पर घोर प्रताड़ना व अत्याचार के कारण वहाँ के अल्पसंख्यक याने हिन्दू , बौद्ध , जैन , सिख , ईसाई व पारसी अपना सम्मान व जान बचाने के लिए शरणार्थी के रूप में भारत आए हैं ।
. 31 दिसंबर 2014 तक भारत आ चुके ऐसे पीड़ित व्यक्तियों को अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा । वे जब भारत आये उसी साल से उन्हें भारत की नागरिकता प्राप्त होगी । भारत में हुए उनके विवाह , बच्चों व संपत्ति को भी कानुनी मान्यता मिलेगी । ।
• 2014 के बाद आये ऐसे पीड़ितों को 6 वर्षों तक भारत में रहने के बाद नागरिकता मिलेगी । इस बीच शासन - प्रशासन उन्हें अवैध प्रवासी मानकर परेशान नहीं करेगा ।

क्या यह कानून मुस्लिम विरोधी है ?

बिल्कुल नहीं । यह पीड़ितों को नागरिकता देने का कानून है , किसी से नागरिकता छीनने का कानून नहीं है । इस कानून का भारत के किसी भी नागरिक ( मुसलमान हो या किसी भी सम्प्रदाय का ) से कोई संबंध ही नहीं है ।

इन देशों से आये मुस्लिम घुसपैठियों को नागरिकता क्यों नहीं ?
पाकिस्तान , बांग्लादेश और अफगानिस्तान तीनों देशों के संविधान के अनुसार ये इस्लामी देश है । मुसलमान ही वहाँ बहुसंख्यक हैं । मुसलमानों का वहाँ धर्म के आधार पर कोई उत्पीड़न नहीं हो रहा है । शरणार्थी व घुसपैठियों में अंतर तो करना ही होगा ।

क्या इन देशों से आये मुसलमान भारत की नागरिकता नहीं ले सकते ?

सही कागज प्रस्तुत करके दुनिया का कोई भी मुसलमान या अन्य व्यक्ति भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है । उस पर कोई रोक नहीं है । सन् 2014 से अभी तक अलग - अलग देशों से आये 566 मुस्लिमों ने भारत की नागरिकता ली है । पाकिस्तानी गायक अदनान सामी इन्हीं में से एक है ।

फिर देशभर में दंगे क्यों हो रहे हैं ?

राजनैतिक स्वार्थों के लिए जानबूझकर इस कानून के बारे में झूठ फैलाया गया । जैसे भारत के मुसलमानों को देश से भगा दिया जायेगा आदि । छात्रों को भड़काकर देश विरोधी नारे लगवाए गये । देशभर में फैली हिंसा में असंख्य पुलिसकर्मियों सहित सैकड़ों लोग हताहत हुए । बांग्लादेशी घुसपैठिए हिंसा फैलाने में सबसे आगे रहे ।

इन तीनों देशों से अल्पसंख्यक भागने को क्यों मजबूर हुए ?

• जनसंख्या के आँकड़ों से स्पष्ट है कि इन देशों से करोड़ों हिन्दू मारे गये , धर्मांतरित कर लिये गये या फिर पलायन कर गये ।
• विभाजन के बाद इन तीनों देशों ने अपने संविधान में स्वयं को इस्लामी राज्य घोषित कर दिया । अल्पसंख्यक दूसरे दर्जे के नागरिक बन गये । किसी भी प्रमुख संवैधानिक पद पर वे नहीं बैठ सकते हैं ।
मंदिरों , चर्चों और गुरूद्वारों पर कब्जे करके उनका व्यावसायिक इस्तेमाल किया गया ।
पाकिस्तान के सिंध में औसतन हर दिन एक हिन्दू लड़की का अपहरण होता है । जिनका जबरन धर्मातरण और निकाह करवा दिया जाता है । कुछ बच्चियां तो 8 साल की भी है । पीड़ित परिवारों को शासन , प्रशासन व न्यायालय से भी कोई राहत नहीं मिलती , क्योंकि निकाह के बाद लड़की पर इस्लामी कानून लगता है ।
ननकाना साहिब के तम्बू साहिब गुरुद्वारे के ग्रंथी भगवान सिंह 19 वर्षीय बेटी को 27 अगस्त 2019 की रात को बन्दूक की नोक पर अगवा लिया गया ।
बांग्लादेश व पाकिस्तान में हिन्दु महिलाओं और बच्चियों के बड़े पैमाने पर बलात्कार पर संयुक्त राष्ट्र संघ सहित अनेक अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने चिंता जताई है ।
बांग्लादेश में 9 लाख हिन्दू परिवारों की कुल 21 लाख एकड़ भूमि सरकार ने जब्त कर ली है । पाकिस्तान में हजारों हिन्दू बंधुओं मजदूरों का नारकीय जीवन जी रहे हैं । पाकिस्तान की पाठ्यपुस्तकों में हिन्दुओं के खिलाफ अत्यंत घृणास्पद व अपमानजनक बातें छापी व पढ़ाई जाती है । जैसे - हिन्दू दुष्ट और मक्कार होते हैं । कृष्ण चालबाज और हत्यारे थे . . आदि । हिन्दू बच्चे उन्हें पढ़ने को मजबूर होते है ।
बांग्लादेश में खालिदा जिया की सरकार ने बैंकों को गोपनीय पत्र लिखा था कि हिन्दुओं को बैंको से ऋण न दिए जाएँ । वहाँ प्रशासनिक सेवाओं की लिखित परीक्षा में पास होने वालों में 25 % हिन्दू होते हैं , लेकिन इंटरव्यू के बाद मात्र 2 % का ही चयन किया जाता है । तीनों देशों में हिन्दू व्यापारियों के अपहरण व करोड़ों की फिरोती माँगने की घटनाएँ आम बात है ।
• अफगानिस्तान के बमियान स्थित में सदियों पुरानी विश्व धरोहर भगवान बुद्ध की विराट प्रतिमाओं को बम धमाकों से ध्वस्त कर दिया गया ।
तीनों देशों में अल्पसंख्यक अपने धार्मिक रीति - रिवाज का पालन तो दूर धर्मस्थलों की भी रक्षा नहीं कर पा रहे थे ।

एक बात हर भारतीय को समझना होगी

सैकड़ों वर्षों की गुलामी से हम 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गये । पर विभाजन के साथ ही पाकिस्तान , अफगानिस्तान व बांग्लादेश के हिन्दू , सिख , जैन , पारसी , बौद्ध फिर से गुलाम हो गये । इन सबकी मातृभूमि व आश्रयस्थली ' भारत और केवल भारत ' ही है अन्य कोई नहीं । अपने घर भारत आने पर भी वे न तो वैध रूप से जमीन खरीद सकते हैं , न बैंक लोन ले सकते हैं और न ही अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलवा सकते हैं ।

जागें और सबको जगाएँ : हम इस ऐतिहासिक कानून को तथ्य व सत्य के साथ समझें । अपने आस - पास सभी को समझाएँ । अपने मोहल्ले , समितियों , कार्यस्थल या जहाँ भी लोग एकत्रित होते हैं , वहाँ इसके बारे में चर्चा करें । व्हाट्सअप , फेसबुक आदि के माध्यम से इसके बारे में सही जानकारी अपने से जुड़े सभी लोगों तक पहुँचाएँ । और संगठित होकर साहस से कहें -

हम नागरिकता संशोधन अधिनियम का समर्थन करते हैं ।